Teacher Jokes in Rajasthani
Teacher Jokes in Rajasthani
टेबल पर चाय किसने गिराई? इसे अपनी मातृभाषा मे बोलो ।
छात्र –
मातृभाषा मतलब मम्मी की भाषा में ?
अध्यापक – हां ।
छात्र – अरे छाती कूटा म्हारा जीव लियां बिना थने चैन नी पड़े ? ओ की थारो बाप ढोली चाय ?
अध्यापक बेहोश !…
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स्कूल का निरीक्षण चल रहा था।
निरीक्षक लड़कों से- ‘सावधान’।
कोई हिला तक नहीं।
निरीक्षक- ‘विश्राम’।
सब वैसे ही खड़े रहे।
निरीक्षक-(हेड मास्टर से)
क्या है ये.. इनको इतना भी नहीं आता।
हेडमास्टर- ऐसा नहीं है सर, मैं करवाता हूँ।
हेड मास्टर- ‘सूधा ……सट्ट ।
सब सावधान हो गए।
हेड मास्टर : ‘ढिलो …..धस्स ।
सब विश्राम हो गए।
हेड मास्टर( निरीक्षक से) –
यो राजस्थान छ भाया। तोहार दिल्ली नाही।
निरीक्षक बेहोश। 😀
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प्रशन – कुत्ते का पर्यायवाची
उत्तर – गण्डकड़ो
प्रशन – शिक्षा किसे कहते हे?
उत्तर – एक पेड के नीचे ढेर सारा छोरा छोरी ने मारसाब पढावे उने शिक्षा केवे ।
प्रशन – भैस का पर्यायवाची
उत्तर – ढान्डी , पाडी
प्रशन – पर्यावरण किसे कहते हे
उत्तर – जब भी मैं हमारे आंगने में से उप्पर देखती हु मुझे धोला-धोला दीखता हे उसे ही पर्यावरण कहते है।
प्रशन – पशुपालन किसे कहते है
उत्तर – हमारे घर में 3 गाया 1 भैस 2 बकरयाँ हे हम उसके पोठे उठावा, मीगणिया भेयइली करा
गोबर के थेपड़े थेफहा हां। इसे ही पशुपालन कहते है ।
प्रशन- खाना बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर –
चुल्हे पर खाना बनाते समय बलिता हिसाब से देना चाहिय।
रोटी बलने लगे तो अन्गीरे बाहर निकाल लेने चाहिए।
खाटे को हिलाते रहना चाहिए ताकि वह चिट नही जावे
आदि ..
Teacher Jokes in Rajasthani
Reviewed by Rakesh
on
October 29, 2016
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